कभी द़ामन, कभी पलकें, भिगोना किसके कहते हैं,
कभी म़जलूम से पूछो, कि रोना किसको कहते हैं।
कभी मेरी जगह खुद को रखो फिर जान जाओगे,
के दुनिया भर के दुख दिल में, 'समोना' किसको कहते हैं।
मेरी आँखैं, मेरे चेहरे को इक िदन गौर से देखो,
मगर मत पूछना, वीरान होना, किसको कहते हैं।
तुम्हारा दिल कभी पिघले अगर, ग़म की हरारत से,
तुम्हें मालूम हो जायेगा कि खोना किसको कहते हैं।