ज़ेहन के ख्यालों में,
रूह के उजालों में,
जिंदगी की झीलों में,
ज़ात की फसीलों में,
रतजगों के दामन में,
ख्वाहिशों के आँगन में,
दिल के खुश्क सेहरा में,
चस्म-ए-तर के दरिया में,
दर्द के जहाँ में भी,
अश्क-ए-बेजुबां में भी,
और कुछ नहीं रहता,
बस तेरी याद रहती है।
रूह के उजालों में,
जिंदगी की झीलों में,
ज़ात की फसीलों में,
रतजगों के दामन में,
ख्वाहिशों के आँगन में,
दिल के खुश्क सेहरा में,
चस्म-ए-तर के दरिया में,
दर्द के जहाँ में भी,
अश्क-ए-बेजुबां में भी,
और कुछ नहीं रहता,
बस तेरी याद रहती है।