कभी होती थी शाम उनके साथ
वो आये जो मुक्कदर में मेरे
अनमोल वो पल थे सबसे अच्छे
वो रात दिन ख्वाबो में तेरे
न मुलाकाते है न दीदार है अब तो
बदले बदले से है खुदा वो मेरे
ना जाने किस की नजर लगी हमें
ना जाने क्या कमी थी मोहब्बत में मेरे
वो गए तो तूफ़ान से बच न पाये
रह गए वो ख्वाब अधूरे मेरे
मगर इलाही कयामत हम भी है
वो आएगी मोहब्बत ज़िन्दगी में मेरे
इश्क का दम इतना हम भी भरते है
रहेगा इन्तेजार उनका आखों में मेरे
फूल बरसे, जिन राहों से भी वो गुजरे
रात दिन यही दुआ है खुदा से मेरे
भूल न पायेंगे हम वो हँसी यादे
वो लौट के आयेगे यकीं है इस दिल को मेरे
होती है मोहब्बत में हार अक्सर
मगर यकीं नहीं तुम न थे किस्मत में मेरे
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