जब तेरे शहर में रहा करते थे,
हम भी चुप चाप जिया करते थे।
आँखों में प्यास हुआ करती थी,
दिल में तूफ़ान उठा करते थे ।
लोग आते थे ग़ज़ल सुनने,
हम तेरी बात किया करते थे।
घर की दीवार सजाने की खातिर,
हम तेरा नाम लिखा करते थे।
आज तेरी तस्वीर देखी तो याद आया,
कभी हम भी मोहब्बत किया करते थे।
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