पत्थर हो शबनम में बदल जाओगी जाना,
हमें जो छु लिया तो पिघल जाओगी जाना|
इस राह-ए-मोहब्बत में बहकते हैं सभी लोग,
थामो हमारा हाथ संभल जाओगी जाना|
तुम गैर से मिली हो, हमने तो सह लिया,
हम गैर से मिलेंगे तो जल जाओगी जाना|
उन प्यार के लम्हों में ये सोचा भी नहीं था,
मौसम की तरह तुम भी बदल जाओगी जाना|
ये रिश्ता जो टूटा तो मर जायेंगे हम तो,
तुम को तजुर्बा है, संभल जाओगी जाना|
अपनी नरम हथेलियों पे लिख लो मेरा नाम,
पढ़ना उदासियों में बहल जाओगी जाना|
'सतलज' से किसी हाल में आँखें न मिलाना,
तुम अपने ही हाथो से निकल जाओगी जाना|
--सतलज राहत
हमें जो छु लिया तो पिघल जाओगी जाना|
इस राह-ए-मोहब्बत में बहकते हैं सभी लोग,
थामो हमारा हाथ संभल जाओगी जाना|
तुम गैर से मिली हो, हमने तो सह लिया,
हम गैर से मिलेंगे तो जल जाओगी जाना|
उन प्यार के लम्हों में ये सोचा भी नहीं था,
मौसम की तरह तुम भी बदल जाओगी जाना|
ये रिश्ता जो टूटा तो मर जायेंगे हम तो,
तुम को तजुर्बा है, संभल जाओगी जाना|
अपनी नरम हथेलियों पे लिख लो मेरा नाम,
पढ़ना उदासियों में बहल जाओगी जाना|
'सतलज' से किसी हाल में आँखें न मिलाना,
तुम अपने ही हाथो से निकल जाओगी जाना|
--सतलज राहत
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