Tuesday, July 23, 2013

तुम सिर्फ रस्में निभाने के लिए मत आना

अब अगर आओ, तो जाने के लिए मत आना,
सिर्फ एहसान जताने के लिए मत आना,
मैंने पलकों पे तमन्नायें सजा रक्खी हैं,
दिल पर उम्मीद की सौ रस्में जला रक्खी हैं,
ये हसीं शामें बुझाने के लिए मत आना,
प्यार की आग में जंजीर पिघल सकती हैं,
चाहने वालों की तकदीरें बदल सकती हैं,
हूँ बेबस ये बताने के लिए मत आना,
मुझसे मिलने की अगर तुमको नहीं चाहत कोई,
तुम सिर्फ रस्में निभाने के लिए मत आना

Sunday, July 21, 2013

चलो तुम साथ मत देना

चलो तुम साथ मत देना,
मुझे बेशक भुला देना,
नए सपने सजा लेना,
नए रिश्ते बना लेना,
भुला देना सभी वादे,
सभी कसमें, सभी नाते,
तुम्हें जानाँ इजाजत है,
जो दिल चाहे वो सब करना,
मगर अब तुम किसी से भी,
अधूरा प्यार मत करना ।

Monday, July 15, 2013

कोई दीवार रहने दो

कोई दीवार रहने दो,
फ़क़त इज़हार रहने दो,
सफ़र में साथ चलकर भी,
मुझे इस पार रहने दो,
ना आँखों में सजाओ तुम,
ना मुझको ख़ाक होने दो,
ना तरसें तुम्हारी कुर्बत को,
मुझे बे-बाक रहने दो।
मुझे असआर में लिखो,
मगर न गुनगुनाओ तुम,
किताबों में कहीं रखकर,
मुझे फिर भूल जाओ तुम,
सुनो तुमसे ये कहना है,
सफ़र में धूल होने तक,
कोई भी भूल होने तक,
मुझे तुम माँग लेना बस,
दुआ मक़बूल होने तक |

Sunday, July 14, 2013

अभी वक़्त हैं इन्हें छोड़ जा

ये सफ़र नहीं अज़ाब है,
यहाँ हर किसी पैर नकाब है,
यहाँ बद-गुमानी का राज़ है,
यहाँ बेवफाई रिवाज़ है,
अभी होश खोने के दिन नहीं,
अभी तेरे रोने के दिन नहीं,
अभी वक़्त है इन्हें छोड़ जा,
अभी सारी नगरी अंधेर है,
अभी दिन निकलने में देर है,
अभी बहार-ए-इश्क में ना उतर,
अभी शहर सारा है बेखबर,
अभी वक़्त है इन्हें छोड़ जा,
अभी वक़्त हैं इन्हें छोड़ जा ।