Sunday, July 14, 2013

अभी वक़्त हैं इन्हें छोड़ जा

ये सफ़र नहीं अज़ाब है,
यहाँ हर किसी पैर नकाब है,
यहाँ बद-गुमानी का राज़ है,
यहाँ बेवफाई रिवाज़ है,
अभी होश खोने के दिन नहीं,
अभी तेरे रोने के दिन नहीं,
अभी वक़्त है इन्हें छोड़ जा,
अभी सारी नगरी अंधेर है,
अभी दिन निकलने में देर है,
अभी बहार-ए-इश्क में ना उतर,
अभी शहर सारा है बेखबर,
अभी वक़्त है इन्हें छोड़ जा,
अभी वक़्त हैं इन्हें छोड़ जा ।

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