खामोश राहों में, तेरा साथ चाहिए,
तन्हा है मेरा हाथ, तेरा हाथ चाहिए,
मुझको मेरे मुक़द्दर पर इतना यकीन तो है,
तुझको भी मेरे लफ्ज़, मेरी बात चाहिए,
मैं खुद अपनी शायरी को क्या अच्छा कहता,
मुझको तेरी तारीफ, तेरी दाद चाहिए,
एहसास-ए-मोहब्बत तेरे वास्ते हैं लेकिन,
जूनून-ए-इश्क को तेरी सौगात चाहिए,
तुम मुझको पाने की कोशिश रखते हो लेकिन,
जीने के लिए तेरी मुलाक़ात चाहिए ।
तन्हा है मेरा हाथ, तेरा हाथ चाहिए,
मुझको मेरे मुक़द्दर पर इतना यकीन तो है,
तुझको भी मेरे लफ्ज़, मेरी बात चाहिए,
मैं खुद अपनी शायरी को क्या अच्छा कहता,
मुझको तेरी तारीफ, तेरी दाद चाहिए,
एहसास-ए-मोहब्बत तेरे वास्ते हैं लेकिन,
जूनून-ए-इश्क को तेरी सौगात चाहिए,
तुम मुझको पाने की कोशिश रखते हो लेकिन,
जीने के लिए तेरी मुलाक़ात चाहिए ।
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