वो समर था मेरी दुआओं का,
उसे किसने अपना बना लिया,
मेरी नींद किसने उजाड़ दी,
मेरा ख्वाब किसने चुरा लिया,
तुझे क्या बताऊँ ए दिल-नशीं,
तेरे इश्क में, तेरी याद में,
कभी गुफ्तगू रही फूल से,
कभी चाँद छत पे बुला लिया,
मेरी चाँद होने की हसरतें,
मेरी खुशबू होने की ख्वाहिशें,
तू जुदा हुआ तो यूं लगा,
मैंने जिंदगी को गवाँ दिया ।
उसे किसने अपना बना लिया,
मेरी नींद किसने उजाड़ दी,
मेरा ख्वाब किसने चुरा लिया,
तुझे क्या बताऊँ ए दिल-नशीं,
तेरे इश्क में, तेरी याद में,
कभी गुफ्तगू रही फूल से,
कभी चाँद छत पे बुला लिया,
मेरी चाँद होने की हसरतें,
मेरी खुशबू होने की ख्वाहिशें,
तू जुदा हुआ तो यूं लगा,
मैंने जिंदगी को गवाँ दिया ।
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