उसे कहना, बज़ाहिर हूँ,
हवाएं बदली बदली हैं, चमन भी बदला बदला है,
मगर दिल में, तुम्हारी याद का मौसम नही बदला,
तेरी चाहत के फूलों की, अभी खुशबू नहीं बिखरी,
मेरे अन्दर तुम्हारी जात का एहसास बाकी है,
तुम्हारे दम से मेरी जिंदगी में सांस बाकी है,
उसे कहना, मौसम तो बदलते रहते हैं यूं ही,
कभी मौसम बदलने से ये आँखें नम नहीं होतीं,
मोहब्बत कम नहीं होती, मोहब्बत कम नहीं होती ।
हवाएं बदली बदली हैं, चमन भी बदला बदला है,
मगर दिल में, तुम्हारी याद का मौसम नही बदला,
तेरी चाहत के फूलों की, अभी खुशबू नहीं बिखरी,
मेरे अन्दर तुम्हारी जात का एहसास बाकी है,
तुम्हारे दम से मेरी जिंदगी में सांस बाकी है,
उसे कहना, मौसम तो बदलते रहते हैं यूं ही,
कभी मौसम बदलने से ये आँखें नम नहीं होतीं,
मोहब्बत कम नहीं होती, मोहब्बत कम नहीं होती ।
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