Wednesday, August 29, 2012

A Life Without Love

A Sunset without a sun is no sunset at all.
A life without love is no life at all.
A rainbow without colors is no rainbow at all.
And heart without feelings is no human at all.

All these things need something to be,
Either a sun or a person or a crayon,
If only to create what nature said was meant to be.

A sunset makes us feel as though the world has been born again.
A life with love lets us know it's worth to let someone in.
A rainbow with colors thats a moment frozen in time, to be grateful for all that is beautiful and feel all the glory inside.
A heart that has feelings, well that would be me.
For I love just the thought of you and hope you feel the same for me.

Life without our love, is an emptiness I'm not sure I wish to face.
Because I know that time will never be able to erase.
I wish our love was as simple as a sunset, ready to be born again.
But I know in truth love only comes from within.
So I'll keep watching for my sunset, and looking for that rainbow to shine someday.
Then one day maybe our love will find its way again.

 
By: Rachel Fogle

Monday, August 27, 2012

एक ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूँगा

एक ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूँगा 
बेहिसाब, उसमें तेरा कसूर लिखूँगा

तू गु़फ्ता़र का माहिर, तू किरदार का माहिर,
पर हुस्न को तेरे, तेरा गुरूर लिखूँगा

टूट गये बचपन के, तेरे खिलौने सारे,
अब दिलों से खेलना, तेरा दस्तूर लिखूँगा

रहा इश्क का द़वा तुझे तमाम उम्र,
वफ़ा की द़हलीज़ से तुझे मफ़रूर लिखूँगा

खुद सकता है जो तेरा जुदाई का फैसला,
ऐसे हर एक दाम को नामन्जू़र लिखूँगा

हमें कहने की आदत नहीं लिखने का शौक है,
जज्बों को अपने, कलम की तासीर लिखूँगा

तेरा वजू़द, मेरा वजूद मुझे एक सा लगे,
पर तुझे मैं खुद से बहुत दूर लिखूँगा

Saturday, August 25, 2012

ज़ख्म लिखूँ के माजरा लिखूँ?

ज़ख्म लिखूँ, के माजरा लिखूँ,
याद आया है वो, तो क्या लिखूँ?

हौसला ज़िन्दगी का क्या लिखूँ,
भूल जाने का मरहला लिखूँ?

शिद्दत-ए-इश्क का तकाज़ा है,
कुर्बतों को भी फासला लिखूँ?

उसकी हमराही को बयान करूँ,
या किसी ख़ाक से हवा लिखूँ?

दिल की ख्वाहिश है उसके चेहरे पर,
अपनी तन्हाई की दुआ लिखूँ|

Friday, August 17, 2012

If I had a chance

If I had a chance to live my life again,
I would wait until I meet you then,
coz you warm my heart with one kiss,
and nothing can be better than this,
I don't know whats wrong or right,

all I know is, I love you day and night,
and I don't care where this will lead,
your love is all I'll ever want and need.

Saturday, August 11, 2012

इश्क की बेबसी आ दस्तूर हो गयी

एक ग़लतफहमी थी जो आज मंजूर हो गयी,
तू मेरी नजरों से, और भी दूर हो गयी|
ये तेरी आँखें, जिसमें कभी, शराब से ज्यादा नशा था,
आज वक़्त की मार से बेनूर हो गयीं|
तेरी एक हँसी पर कितने ही हो जाते थे कुर्बान,
किसके गम में तू आज रोने को मजबूर हो गयी?
डोली उठी तो है, पर एक मय्यत साथ लेकर,
इश्क की बेबसी आ दस्तूर हो गयी|

Thursday, August 9, 2012

उसे भी अपने किये का मलाल होना है

उसे भी अपने किये का मलाल होना है,
अभी तो इश्क में ऐसा भी हाल होना है,
के अश्क रोकना तुमसे मोहाल होना है|
हर एक लव पे है मेरी वफ़ा के अफ़साने,
तेरे सितम को अभी लाज़वाल होना है|
तुम्हें खबर ही नहीं तुम तो लौट जाओगे,
तुम्हारे हिज्र में एक लम्हा साल होना है|
हमारी रूह पर जब भी अजाब उतरे हैं,
तुम्हारी याद को इस दिल की ढाल होना है|
कभी तो रोयेगा वो भी किसी की बाँहों में,
कभी तो उसकी हंसी को जवाल होना है|
मिलेगी हमको भी अपने नसीब की खुशियाँ,
बस इंतज़ार है कब ये कमाल होना है|
हर एक सख्स चलेगा हमारी राहों पे,
मोहब्बत में हमें भी वो मिसाल होना है|
जमाना जिसके ख़म-ओ-पीछ में उलझ जाये,
हमारी जात को ऐसा सवाल होना है|
यकीन है मुझको वो लौट आएगा,
उसे भी अपने किये का मलाल होना है|

तेरा हुस्न हो, मेरा इश्क हो

तेरा हुस्न हो, मेरा इश्क हो,
तो फिर हुश्न-ओ-इश्क की बात हो|
कभी मैं मिलूँ, कभी तू मिले,
कभी हम मिलें, मुलाक़ात हो|
कभी तू हो चुप, कभी मैं हूँ चुप,
कभी दोनों हम चुप-चाप हों|
कभी गुफ्तुगू कभी तजकरे,
कोई ज़िकर हो कोई बात हो|
कभी साथ मैं, कभी साथ तू,
कभी एक दूजे का साथ हो|
रहें मुस्कुराते प्यार में,
खिलें फूल बन के बहार में,
न ज़मीन कोई, ना फलक कोई,
ना वजूद हो, ना ही जात कोई,
तेरा हुश्न हो, मेरा इश्क हो,
तो फिर हुश्न-ओ-इश्क की बात हो|