कोई जो पूछ ले तुमसे,मोहब्बत की कभी तुमने?
मुझे बस याद करके तुम, ज़रा पलकें झुका देना,
न करना दिल की बातों को, ....कभी ज़ाहिर ज़माने पे,
नमी आँखों में लाकर, इश्क का किस्सा सुना देना,
वो शायद पूछ ले कितनी, मुलाकातें हुयी अपनी?
किताबों में छुपे फूलों, को बस गिनकर बता देना||
मुझे बस याद करके तुम, ज़रा पलकें झुका देना,
न करना दिल की बातों को, ....कभी ज़ाहिर ज़माने पे,
उसे बस टाल देना और, बहाना कुछ बना देना,
ना माने जो वो फिर भी, और अगर इकरार कर बैठे,नमी आँखों में लाकर, इश्क का किस्सा सुना देना,
वो शायद पूछ ले कितनी, मुलाकातें हुयी अपनी?
किताबों में छुपे फूलों, को बस गिनकर बता देना||
No comments:
Post a Comment