वो रह न पाए एक पल भी हमारे बिना,
ए खुदा, उसको मेरी आदत सी कर दे||इतना टूट के चाहूं में उसको,
के मेरी चाहत को मेरी इबादत सी कर दे||
कोई छू ना पाए अपने ख़यालात में भी उसको,
हर एक के ज़ेहन में उसकी हिफाज़त सी कर दे||
बंद आँख में भी देख पाऊं में उसको,
मेरी आँखों को ऐसी इजाज़त सी कर दे||
रखूँगा ख्याल उसका उम्र भर के लिए,
बस अब वो अपने आप को मेरी अमानत सी कर दे||
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