चेहरे पे मेरे ज़ुल्फ़ को बिखराओ किसी दिन..
क्या रोज़ गरजते हो, बरस जाओ किसी दिन..
खुशबू की तरह गुजरो मेरे दिल की गली से...
फूलों की तरह मुझ पर बिखर जाओ किसी दिन...
राजों की तरह उतरो मेरे दिल पे किसी शब्....
दस्तक पे मेरे हाथ की खुल जाओ किसी दिन..
में अपनी हर इक सांस उस रात को दे दूँ...
सिर रख के मेरे सीने पे सो जाओ किसी दिन..
क्या रोज़ गरजते हो, बरस जाओ किसी दिन..
खुशबू की तरह गुजरो मेरे दिल की गली से...
फूलों की तरह मुझ पर बिखर जाओ किसी दिन...
राजों की तरह उतरो मेरे दिल पे किसी शब्....
दस्तक पे मेरे हाथ की खुल जाओ किसी दिन..
में अपनी हर इक सांस उस रात को दे दूँ...
सिर रख के मेरे सीने पे सो जाओ किसी दिन..
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