Wednesday, June 27, 2012

हम नाज़ुक नाज़ुक दिल वाले

हम नाज़ुक नाज़ुक दिल वाले,
कभी हंसते हैं कभी रोते हैं, कभी दिल में ख्वाब
पिरोते हैं|
कभी महफ़िल महफ़िल फिरते हैं, कभी जीत में तनहा होते हैं|
कभी चुप की मोहर सजाते हैं, कभी गीत लबों पे होते हैं|
कभी सब का दिल बहलाते हैं, कभी तन्हाई में रोते हैं|
कभी शब् भर जागते रहते हैं, कभी लम्बी तान के सोते हैं|
सब अपने आप में रहते हैं, हम कौन किसी के होते हैं|
हम नाज़ुक नाज़ुक दिल वाले, 'कुछ इस तरह के होते हैं|

Thursday, June 14, 2012

ऐ इश्क हमें, बर्बाद ना कर, बर्बाद ना कर

ऐ इश्क हमें, बर्बाद ना कर, बर्बाद ना कर|
ऐ इश्क ना छेड़, आ-आ के मुझे, हम भूले हुओं को याद ना कर|
पहले ही बहुत नाशाद हैं हम,
तू और हमें नाशाद ना कर|
किस्मत के सितम ही कम नहीं कुछ,
ये ताज़ा सितम ईजाद ना कर, यूँ जुल्म ना कर, बेदाद ना कर|
ऐ इश्क हमें, बर्बाद ना कर, बर्बाद ना कर|
रातों को उठ-उठ के रोते हैं,
रो-रो के दुआएं करते हैं|
आँखों में तस्सवुर, दिल में ख़लिश, सर धुनते हैं, आहें भरते हैं,
ऐ इश्क, ये कैसा रोग लगा,
जीते हैं ना जालिम मरते हैं,
इन ख्वावों से यूँ आजाद ना कर,
ऐ इश्क हमें, बर्बाद ना कर, बर्बाद ना कर|

जिस दिन से बंधा है, ध्यान तेरा,
घबराए हुए से रहते हैं,
हर वक़्त तसव्वुर कर-कर के,
शर्माए हुए से रहते हैं,
कुम्हलाये हुए फूलों की तरह, कुम्हलाये हुए से रहते हैं,
बा'मान  ना कर, बेदाद ना कर,
ऐ इश्क हमें, बर्बाद ना कर, बर्बाद ना कर|

कभी जो हम नहीं होंगे

कभी जो हम नहीं होंगे
कहो किसको बताओगे?
वो अपनी उलझनें सारी,
वो बेचैनी में डूबे पल,
वो आँखों में छुपे आंसू,
किसे फिर तुम दिखाओगे?
कभी जो हम नहीं होंगे|
बहुत बेचैन होगे तुम,
बहुत तन्हा रह जाओगे,
अभी भी तुम नहीं समझे,
हमारी अनकही बातें|
मगर जब याद आयेंगे,
बहुत तुमको रुलायेंगे,
बहुत चाहोगे फिर भी तुम,
हमें ना ढूंढ पाओगे,
कभी जो हम नहीं होंगे|

Monday, June 11, 2012

हमने पाया था जिसे बरसो में इबादत कर के

कभी जज्बों, कभी ख़्वाबों की तिजारत कर के,
दिल ने दुःख दर्द कमाए हैं मोहब्बत कर के |

तुम जब आओगे तो महफूज़ मिलेंगे तुमको,
हमने दफनाए हैं कुछ ख़्वाब अमानत कर के|

इक ज़रा सी भूल हुई और उसे खो बैठे,
हमने पाया था जिसे बरसो में इबादत कर के|

दिल ने दुःख दर्द कमाए हैं मोहब्बत कर के

कभी जज्बों कभी ख़्वाबों की तिजारत कर के
दिल ने दुःख दर्द कमाए हैं मोहब्बत कर के

तुम जब आओगे तो महफूज़ मिलेंगे तुमको
हमने दफनाए हैं कुछ ख़्वाब अमानत कर के

इक ज़रा सी भूल हुई और उसे खो बैठे
हमने पाया था जिसे बरसो में इबादत कर के

मैं उसकी याद में जब हद से गुज़र जाता हूँ

रेज़ा-ए-कांच की सूरत मैं बिखर जाता हूँ
मैं उसकी याद में जब हद से गुज़र जाता हूँ

अब गुरेज़ाँ है वो मिलने से जो कहता था कभी
तुमसे मिलते ही मैं कुछ और निखर जाता हूँ

रोज खाता हूँ उसको याद न करने की क़सम
रोज वादों से अपने ही मुकर जाता हूँ

मुझको तमाशा बना दिया है मोहब्बत ने उसकी
लोग कसते हैं ताने मैं जिधर जाता हूँ

हर मोड़ पे खाया है मोहब्बत में धोखा अर्श
अब कोई प्यार से पुकारे तो डर जाता हूँ

--अर्श

मेरे लिए वो कबीले को छोड़ कर आता

हजूम में था वो खुल कर न रो सका होगा
मगर यकीन है के सब भर न सो सका होगा

वो शक्स जिस को समझने में मुझको उम्र लगी
बिछड के मुझसे किसी का न हो सका होगा

लरजते हाथ, शिकस्त सी डोर आंसू की
वो खुश्क फूल कहाँ तक पिरो सका होगा

बहुत उजाड थे पाताल उसकी आँखों के
वो आंसूं से न दामन भिगो सका होगा

मेरे लिए वो कबीले को छोड़ कर आता
मुझे यकीन है ये उस से न हो सका होगा

गलत फ़हमी में मत रहना

मोहब्बत का असर होगा, गलत फ़हमी में मत रहना
वो बदलेगा चलन अपना, गलत फ़हमी में मत रहना

तसल्ली भी उसे देना, ये मुमकिन है मैं लौट आऊं
मगर ये भी उसे कहना, गलत फ़हमी में मत रहना

तुम्हारा था, तुम्हारा हूं, तुम्हारा ही रहूंगा मैं
मेरे बारे में इस दरजा गलत फ़हमी में मत रहना

मोहब्बत का भरम टूटा है अब छुप छुप के रोते हो
तुम्हें मैंने कहा था ना गलत फ़हमी में मत रहना

बचा लेगा तुझे सेहरा की तपती धूप से तैमूर
किसी की याद का साया, गलत फ़हमी में मत रहना

Sunday, June 10, 2012

आदत है बच्चों सी

उसकी वही आदत है बच्चों सी, वही आदत है बच्चों सी,
जिस तरह कोई बच्चा, खिलौना मांगता है, खेलता है, फेंक देता है,
उसी तरह वो मुझसे ही, मुझी को मांगता है, खेलता है, फेंक देता है,
मगर जब दूसरा कोई, मुझे आकर उठाये तो,
वो आकर हक जताता है, के ये खिलौना मेरा है|
उसे कैसे मैं समझाऊ, किसी के प्यार के जज्बों से, यूँ खेला नहीं करते,
मगर कैसे वो समझेगा, अभी उसकी शायद वही आदत है बच्चों सी|

Thursday, June 7, 2012

न सवाल बन के मिला करो

न सवाल बन के मिला करो,
ना जवाब बन के मिला करो,
मेरी ज़िन्दगी मेरे खवाब हैं,
मुझे ख्वाब बन के मिला करो,
हर शाम को मेरे दोस्तों,
ना अज़ाब बन के मिला करो,
मुझे मयकदे में मिलो अगर,
तो शराब बन के मिला करो,
अभी सोचना है तो सोच लो,
अभी छोड़ना है तो छोड़ दो,
नए मोसमों में मिलो अगर,
तो गुलाब बन के मिला करो,
मुझे अच्छे लोग मिले बहुत,
में तो उन के क़र्ज़ से मर गया |
गर हो सके तो कभी कभी,
तो ख़राब बन के मिला करो,
न तुम इस तरह से मिला करो,
ना तुम उस तरह से मिला करो,
हाँ, हजूर बन के मिला करो,
हाँ जनाब बन के मिला करो| </3

बावरा मन, देखने चला एक सपना

बावरा मन, देखने चला एक सपना|
बावरे से मन की, देखो बावरी है बातें,
बावरी सी धडकनें है, बावरी हैं सांसें,
बावरी सी करवटों से, निंदिया क्यों भागें,
बावरे से नयन चाहे, बावरे झरोखों से, बावरे नजारों को तकना,
बावरा मन देखने चला एक सपना|

बावरे से इस जहाँ में, बावरा एक साथ हो,
इस सायानी भीड़ में, बस हाथों में तेरा हाथ हो,
बावरी से धुन हो कोई, बावरा एक राग हो,
बावरे से पैर चाहें, बावरी तरानों पे, बावरे से बोल पे थिरकना,
बावरा मन देखने चला एक सपना|

बावरा सा हो अँधेरा, बावरी खामोशियाँ,
थरथराती लौ हो मद्धम, बावरी मदहोशियाँ,
बावरा एक घुंघटा चाहे, हौले हौले बिन बताये, बावरे से मुखड़े से सरकना,
बावरा सा मन देखने चला एक सपना|
~"हजारों ख्वाहिशें ऐसी"

Wednesday, June 6, 2012

She's The Girl In Blue

A little girl I sort of know
Broke down when she told her lover
That she would do anything
And she wishes it to be forever
A little girl I knew once
Turned older to become so pretty
And all I do is watch her now
While those feelings went and left me

Well She's The Girl In Blue
The Girl I thought I Knew
She plays along the song on her guitar
And She hopes it would take her far

A friend of mine in search of life
Hopes to find love real soon
A painter, artist, poet, juggler
The basis of all of my tunes
What a pity, this long story
And no one stays to see the ending
All the bricks and pieces fit in
All it needs is a little mending

Well She's The Girl In Blue
The Girl I thought I Knew
She plays along the song on her guitar
And She hopes it would take her far

A little girl I sort of know
Cries a lot because she's so happy
She finds the words soaked in her tears
And with that she lets go of her fear

Sunday, June 3, 2012

तेरे शहर से तो मेरा गाँव अच्छा है

बड़ा भोला बड़ा सादा बड़ा सच्चा है
तेरे शहर से तो मेरा गाँव अच्छा है
वहां मैं मेरे बाप के नाम से जाना जाता हूँ
और यहाँ मकान नंबर से पहचाना जाता हूँ
वहां फटे कपड़ो में भी तन को ढापा जाता है
यहाँ खुले बदन पे टैटू छापा जाता है
यहाँ कोठी है बंगले है और कार है
वहां परिवार है और संस्कार है
यहाँ चीखो की आवाजे दीवारों से टकराती है
वहां दुसरो की सिसकिया भी सुनी जाती है
यहाँ शोर शराबे में मैं कही खो जाता हूँ
वहां टूटी खटिया पर भी आराम से सो जाता हूँ,
यहाँ रात को बहार निकलने में दहशत है
मत समझो कम हमें की हम गाँव से आये है
तेरे शहर के बाज़ार मेरे गाँव ने ही सजाये है,
वह इज्जत में सर सूरज की तरह ढलते है
चल आज हम उसी गाँव में चलते है
............. उसी गाँव में चलते है |

Friday, June 1, 2012

I wish I could describe you

I wish I could describe you
You're nothing but a dream
Leaving me nothing to hold onto
I feel like I could scream

I would sleep forever
Just to dream you again
Oh, can't you come to me
To free me of this pain?

I'm lying on my bed again
Waiting to fall asleep
To spend another night with you
To explore this ocean deep

Is that really asking for too much?

I cry out loud as you fade away
Begging desperately for the night to stay
My eyes open, and I close them again
Hoping to see your face for once, but nay

Again, left with nothing but the thought
That if I were to die and go to the heaven
I'd beg to live a night with you instead
After that, I'd never think of you in vain

If only I could see your face for once
If only I could feel your touch
I'd tell you how much I love you
Is that really asking for too much?