उसकी वही आदत है बच्चों सी, वही आदत है बच्चों सी,
जिस तरह कोई बच्चा, खिलौना मांगता है, खेलता है, फेंक देता है,
उसी तरह वो मुझसे ही, मुझी को मांगता है, खेलता है, फेंक देता है,
मगर जब दूसरा कोई, मुझे आकर उठाये तो,
वो आकर हक जताता है, के ये खिलौना मेरा है|
उसे कैसे मैं समझाऊ, किसी के प्यार के जज्बों से, यूँ खेला नहीं करते,
मगर कैसे वो समझेगा, अभी उसकी शायद वही आदत है बच्चों सी|
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