कभी जज्बों, कभी ख़्वाबों की तिजारत कर के,
दिल ने दुःख दर्द कमाए हैं मोहब्बत कर के |
तुम जब आओगे तो महफूज़ मिलेंगे तुमको,
हमने दफनाए हैं कुछ ख़्वाब अमानत कर के|
इक ज़रा सी भूल हुई और उसे खो बैठे,
हमने पाया था जिसे बरसो में इबादत कर के|
दिल ने दुःख दर्द कमाए हैं मोहब्बत कर के |
तुम जब आओगे तो महफूज़ मिलेंगे तुमको,
हमने दफनाए हैं कुछ ख़्वाब अमानत कर के|
इक ज़रा सी भूल हुई और उसे खो बैठे,
हमने पाया था जिसे बरसो में इबादत कर के|
No comments:
Post a Comment