Thursday, January 6, 2011

किसी और के लबों पे मुस्कराहट लाते पाया...


दिल से चाहा , जाँ से ज्यादा प्यार किया …

आंसुओं से भरी आँखें , ये हमने बदले में पाया .

माना की हम तेरे काबिल नहीं ,

पर तेरे प्यार में हर पल खुद को ऊपर उठता पाया …

पर जैसे शायद इतना ही काफी ना था ,

दिल तोड़कर मैंने तुझको किसी गैर से दिल लगाते पाया …

दिल मेरा रोया जार जार , पर तू इन सब से बेफिक्र थी …

क्योंकि मैंने तुझे किसी और के लबों पे मुस्कराहट लाते पाया …

Author: Narendra Kumar alias 'Nandy'

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