
दिल से चाहा , जाँ से ज्यादा प्यार किया …
आंसुओं से भरी आँखें , ये हमने बदले में पाया .
माना की हम तेरे काबिल नहीं ,
पर तेरे प्यार में हर पल खुद को ऊपर उठता पाया …
पर जैसे शायद इतना ही काफी ना था ,
दिल तोड़कर मैंने तुझको किसी गैर से दिल लगाते पाया …
दिल मेरा रोया जार जार , पर तू इन सब से बेफिक्र थी …
क्योंकि मैंने तुझे किसी और के लबों पे मुस्कराहट लाते पाया …
Author: Narendra Kumar alias 'Nandy'
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