Tuesday, May 3, 2011

...रास्ते में ही छोड़कर, उन्हें जाने की आदत है|

 वो मेरे हर झूठ से खुश होती, जिसे हमेशा सच बोलने की आदत थी|
वो एक आंसू भी गिरने पर खफा होती थी, जिसे तन्हाई में रोने की आदत थी||
वो कहती थी की मुझे भूल जाओगे, जिसे मेरी हर बात याद रखने की आदत थी|
हमेशा माफ़ी मांगने के बहाने से, रोज़ गलतियाँ करना उसकी आदत थी||
वो जो दिल जान न्योछावर करती थी मुझ पर, मगर छोटी सी बात पर रूठना उसकी आदत थी|
हम उसके साथ चल दिए, पर ये नहीं जानते थे, कि रास्ते में ही छोड़कर उन्हे जाने कि आदत है||

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