तुम जब से मिले हो ये दुनिया जन्नत है,
तुम्हें यूँ चाहते रहना ही बस मेरी इबादत है||
न जाने क्यूं नहीं लगा मुझे डर ज़माने से,
सुना है प्यार करने वालों की ऐसी ही फितरत है||
मेरे महबूब अगर कोई लगा दे मुझको सूली भी,
मेरी मय्यत भी बोलेगी मुझे तुमसे मोहब्बत है||
तुम्हें यूँ चाहते रहना ही बस मेरी इबादत है||
न जाने क्यूं नहीं लगा मुझे डर ज़माने से,
सुना है प्यार करने वालों की ऐसी ही फितरत है||
मेरे महबूब अगर कोई लगा दे मुझको सूली भी,
मेरी मय्यत भी बोलेगी मुझे तुमसे मोहब्बत है||
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