कोई तो था, जो मेरा अपना था,
जिसने जीना सिखलाया, वो मेरा अपना था|
दिल तो बिखर चुका था टूटे हुए मोतियों की तरह,
दिल को जिसने संवारा, वो मेरा अपना था|
खो चुकी थी उम्मीद खुशियाँ पाने की,
खुशियाँ जिसने समेटीं, वो मेरा अपना था|
दिल को जिसने संवारा, वो मेरा अपना था|
खो चुकी थी उम्मीद खुशियाँ पाने की,
खुशियाँ जिसने समेटीं, वो मेरा अपना था|
कहता था साथ दूंगा सात ज़न्मों का,
बीच राह में जो छोड़ गया वो भी मेरा अपना था|
शिकवा बस इतना है ये दोस्तों,
जिसने साथ छोड़ा वो भी मेरा अपना था||
जिसने साथ छोड़ा वो भी मेरा अपना था||
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