Saturday, May 7, 2011

....कि जी जानता है

लुत्फ़ वो इश्क में पाए हैं कि जी जानता है
रंज भी इतने उठाये हैं कि जी जानता है |

जो ज़माने के सितम हैं वो ज़माना जाने
तूने दिल इतने दुखाये हैं कि जी जानता है |

तुम नहीं जानते अब तक ये तुम्हारे अंदाज़
वो मेरे दिल में समाये हैं कि जी जानता है |

इन्हीं क़दमों ने, तुम्हारे इन्हीं क़दमों की क़सम
ख़ाक में इतने मिलाये हैं कि जी जानता है |

दोस्ती में तेरी दर-पर्दा हमारे दुश्मन
इस क़दर अपने पराये हैं कि जी जानता है |

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